सर्व विघ्नहरम देवम‌् 
सर्व विघ्नविवर्जीतम  लंबोदरम विशालाक्षम 
 वंदेहम‌् गणनायकम‌्

सस्नेह प्रणाम,

जैसा की आप सभी को विदित है की सार्वजनिक गणेश उत्सव का प्रारंभ हमारे संस्कृतिक्षम  सुंदर सभ्य महाराष्ट्र मे, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक जी ने हृदय मे पवित्र भावना रखकर बडे हर्षोल्हास से किया । उस समय हमारे देश में आजादी के लिए संघर्ष शुरु था ऐसे मे तिलक जीने 

 संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्। 

के एकता, राष्ट्रभक्ती तथा भगवद‌्भक्ती के मनोभावना को जागृत करने हेतू , सार्वजनिक गणेश उत्सव  मनाने की पावन विचारधारा को क्रियान्वित किया।

 उसी पवित्र स्वर्णिम पथ पर मार्गक्रमण करते हुए  1989 में श्री सार्वजनिक बाल गणेशोत्सव मंडळ भेंडे लेआउट नागपूरने अपनी सार्वजनिक गणेश स्थापना की स्वर्णीम यात्रा को वरिष्ठ नागरिकों के मार्गदर्शन और युवाओं की पहल पर प्रारंभ किया। उस समय मंडल का स्वरूप एक पौधे जैसा था, आज उसी पौधे ने श्री गणेशजी के असीम कृपा से एक विशाल वटवृक्ष  का रुप धारण किया है। मंडल की अनुपम, सृजनशील,

रेखीव,शालीन, अतीव सुंदर कलाकृती से  निर्मित विहंगम दृष्यों से

मंडल की प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली हुई है और यह मंडल के सृजनशील कार्यों और सकारात्मक सोच के कारण ही संभव हुआ है। जब गणेश उत्सव की स्थापना हुई थी तब दर्शनार्थियों की संख्या 7 से 8 हजार के आसपास ही होती थी। आज गणेश उत्सव में दर्शनार्थियों की संख्या 7 से 7.50 लाख है। केवल नागपुर से ही नहीं बल्कि पूरे महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश आदि जगहों से भी श्रद्धालु आते हैं। उन्हें हर साल विभिन्न टेलीविजन चैनलों द्वारा देखा गया है।

1996 से, मंडल को नागपुर स्तर के साथ-साथ महाराष्ट्र स्तर पर विभिन्न प्रतियोगिताओं में पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। इसमें नागपुर पुलिस आयुक्तालय द्वारा आयोजित गणेशोत्सव प्रतियोगिता, दैनिक लोकसत्ता, दैनिक नवभारत द्वारा आयोजित प्रतियोगिताएं और मराठी चैनल स्टार माझा द्वारा आयोजित प्रतियोगिताएं शामिल हैं। मंडल को सर्वश्रेष्ठ गणेश मंडल, सर्वश्रेष्ठ उपस्थिति, सर्वश्रेष्ठ गणेश मूर्ति के पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।

जाग्रतः जाग्रतः उतिष्ठ भारत प्राप्य वरान्निभोदत‌् ईस धरोहर को संजोंए हूएं मंडल द्वारा अब तक भक्तों के समक्ष

दृष्यों के प्रस्तुतीकरण से सामाजिक जागरूकता के विभिन्न विषयों 

 जैसे साक्षरता अभियान, 

नशामुक्ति, बेटी बचाव अभियान, ग्राम स्वच्छता अभियान, जलयुक्त शिवार योजना, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की जीवनी एवं समाज प्रबोधन, स्वच्छता अभियान के साथ-साथ गौरवशाली भारत का इतिहास आदी…

 विषय प्रस्तुत किये गये हैं।

मंडल दृश्यों की प्रस्तुति में

भारत की धरोहर और विरासत के रुप मे स्थित पुरातन एवं प्राचीन मन्दिरों का समावेश किया गया है। अब तक साकार किए गए प्रतिरुप दृष्यों में, अष्टविनायक दर्शन, अयोध्या का प्रस्तावित राम मंदिर, पंढरपुर का विट्ठल रुख्मिणी मंदिर, देवगढ़ का सिद्धेश्वर पंचायत मंदिर, बैतूल का बालाजीपुरम मंदिर, रामटेक मे अंबाला झील के पास का प्राचीन मंदिर, विदर्भ का अष्टविनायक दर्शन,  मोजरी का विश्वमानव मंदिर। तिरुपती बालाजी मंदिर, शिर्डी साईं मंदिर, उत्तराखंड  का केदारनाथ मंदिर, स्वर्गलोक दर्शन के साथ विष्णु अवतार, अतुल्य भारत एक समग्र दर्शन, पंचतत्व ही  जीवनतत्व, माहेशमती महल, शिवसृष्टि रायगढ,भारतीय सेना की गौरवशाली कहानी तथा चेन्नई  का रामकृष्ण मठ आदि का समावेश है।

यह श्री सार्वजनिक बाल गणेशोत्सव मंडल तथा ईससे सम्बधित सभी कार्य सभी गतिविधियाॅं श्री सिध्दिविनायक फाऊंडेशन अंतर्गत संचालित हो रही है। श्री सिध्दिविनायक फाऊंडेशन 2015 में स्थापन किया गया है। ( रजि.क्र.33886 (N) )

मानव सेवा ही ईश्वर सेवा है ईस भावना  को क्रियान्वित करने हेतू , सामाजिक जिम्मेदारी को ध्यान में रखते हुए  मंडल ने गत वर्ष जलयुक्त शिवार के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष में, मंडल मे जमा निधि प्रदान किया है।

 वैसेही मंडल सामाजिक कल्याण हेतू ,

समय-समय पर सामाजिक गतिविधियों में अपना  योगदान दे रहा है।

मंडल कि यह गरिमा,गौरव  प्रसिद्धि और सफलता आप सभी भेंडे परिवार ,  दुपारे परिवार, पन्नासे परिवार ,शहाणे परिवार, पाटील परिवार, वाहने लेआउट, राऊतवाडी, परफेक्ट सोसाइटी, बद्रीनाथ सोसाइटी, लोकसेवा सोसाइटी, इंद्रप्रस्थनगर, दिनदयाल नगर, स्वावलंबीनगर, गजानन धाम, सहकारनगर के वजह से है। वैसेही नागपुर  अन्य क्षेत्रों के विज्ञापनदाताओं, ग्राहकों, शुभचिंतकों के सहयोग और आशीर्वाद से ही श्री सार्वजनिक

बाल गणेशोत्सव मंडल प्रगतीपथ पर मार्गक्रमण करते हूएं  समाज मे नयी उचांईयां प्राप्त करेगा। सिध्दिविनायक फाऊंडेशन द्वारा संचालित यह

मंडल  मानवी समाज को सभ्य,सुदृढ , सक्षम तथा सकारात्मक दृष्टिकोन प्रदान करने हेतू संकल्पित है।

  भगवान श्री गणेशजी की असीम कृपा से हमे आशा है, दृढविश्वास है कि हमें इसी तरह आप सभी का सहयोग मिलता रहेगा।

 शुभम‌् भवतु.